मेरे घर का रास्ता


मेरे घर का रास्ता
यहीं से होकर जाता है
आगे एक चौराह है
थोडा सा दाएं जाना है
फिर एक नाला है
उसे पार कर जाना है
थोडा सा आगे
और
आगे जाना है
किनारे पे बसी
एक बदनाम सी बस्ती है
बस यही मेरी हस्ती है




मेरे घर का रास्ता
नाले के उस पार से
रहमत अली के सब्जी के ठेले से
शमशान तक
यूं ही चला जाता है
चौराहे से दाएं मुडी हुइ
सडक के साथ साथ
कुछ उजडी सी
कुछ बसी सी
ये जो बस्ती है
यही मेरी हस्ती है




मेरे घर का रास्ता
पहले मोड़ पे
पहचान लिया जाता है
आगे
सार्वजनिक शौचालय का अवशेष है
जिसमें
शौचालय को छोड़ कर
बाकी सब शेष है
जिसकी दीवार पर लिखा है
प्रयोग करना मना है
जो शेष है
उसमें शौचालय का गेट है
और
खुला पड़ा पूरा मैदान है
कचरा
जो सड़क तक फैल आया है
कचरे के ढे़र पे
सुअरों कुत्तों और गायों का मेला है
बस
वहीं मेरी बस्ती है
यही मेरी हस्ती है




मेरे घर का रास्ते की
तीसरी गली में
बीचों बीच बहती
छोटी सी नाली है
बीच में ही खड़ी
छेञपाल की उधड़ी हुइ चारपाइ
दीवार से सटी चंदा की साइकिल
किसी का रास्ता नहीं रोकती
गली में जलती अंगेठी का धुआं
घर में भर आता है
नाले से उठती बू
जहन में
अंदर तक उतर जाती है
हवा गली से कतराकर
न जाने कहां से निकल जाती है
बारिश
जो घर के अंदर तक बरसती है
ये कहने को तो
इंसानों की बस्ती है
और यही मेरी हस्ती है
मेरे घर का रास्ता
यहां से गुज़रकर जाता है




-फ्रेंकलिन निगम-








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