बाज़ार से क्यों गायब हो गए महारथी ब्राडंस और कम्पनियाँ?

एक कहावत है कि जब ताल से ताल न मिले तो, हो जाता हैं सुर, बेहाल। ये बात उन कम्पनियों और ब्रांड्स पर सटीक बैठती है, जो वक्त पर नई तकनीक और प्रतिस्पर्धा से ताल मिलाने में चूक गयीं। नतीजतन आज वे सभी बाज़ार से गायब हैं। कई भारतीय कम्पनियां-ब्रांड्स, जो कभी अपनी गुणवत्ता के लिए जनता के बीच लोकप्रियता थे- अब इतिहास के पन्नों में दफन हैं।

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