गुरुवार, 1 दिसंबर 2022

अक्सर...

अक्सर,
मैं रास्ते भूल जाता हूं..
अक्सर,
मैं पीछे मोड़ छोड़ आता हूं..
अक्सर,
राहों में कहीं
भटक जाता हूं..
अंतर्बोध में
आदर्श-यथार्थ से
बुनता भविष्य,
अंतरात्मा में
अनेकों आशाएँ लिए
अक्सर
समय पर घर पहुंच जाता हूं....

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