मंगलवार, 19 जनवरी 2010

गणतन्त्र दिवस - कई सवाल

26 जनवरी का दिन....हर साल की तरह इस बार भी इण्डिया गेट से लेकर लाल किले तक का सफर... भारत की तस्वीर पेश करते रंगारंग कार्यक्रम, भारतीय संस्कृति की झलकियां, बहादुर बच्चे और भारत की ताकत का गुमान और सीना चौड़ा किए चलती सैन्य टुकड़िया, टैंक, मिसाईले और तरह तरह के भारी भरकम अस्त्र-शस्त्र। साथ ही, खुले आकाश में विचरते लड़ाकु जहाज। ये सब देखकर भारत के खुशहाल और ताकतवर होने का अहसास होता होगा। ये मंज़र हमें समोहित करते हैं और हम कुछ देर के लिए प्रफुिल्लत हो उठते हैं। हमे भारतीय होने पर गर्व महसूस होने लगता है। तब हम अपने उस गुस्से को भूल जाते है जो अक्सर बस में बैठकर, चाय की दुकान पर, दोस्तों के बीच या फिर गर्मागर्म बहसों में सरकार, व्यवस्था और देश के हालात के खिलाफ फूटता है।

1950 से आज तक इण्डिया गेट से लाल किले तक की सड़कों पर भारत की ताकत, एकता और अखण्डता को विज्ञापित किया जाता रहा है। क्या स्वपनिल सपने की तरह ये सच है? अब याद करें कि इस देश में गरीबी के आंकडे क्या हैं? अर्जुन सेन गुप्ता की रिपोर्ट क्या कहती है? और उन खबरों को जो अक्सर सैन्य साजो सामान में धांधली - भ्रष्टाचार की कहानी बयां करती है। हजारो लोग हर साल भूख और ठण्ड से मर जाते हैं। कथित अखण्ड भारत में हिन्दी भाषियों को मुम्बई में नहीं रहने दिया जाता। ठाकरों के सामने देश की राजनीति क्यों घुटने टेक देती है

लोकतन्त्र और गणतन्त्र बनने के इतने सालों बाद भी हम अशिक्षित, बेरोज़गार और भूखे क्यों हैंर्षोर्षो संविधान में दिए गए तमाम अधिकारों से जनता वंचित क्यों हैंर्षोर्षो सवाल तो और भी हैं। ऐसे सवाल जिनसे किसकी को कोई सरोकार नहीं। मसलन् हमारा राष्ट्रीय पशु और पक्षी की संख्या लगातार क्यों कम होती जा रही है। राष्ट्रीय खेल के हालात खस्ता क्यों हैं

गणतन्त्र दिवस पर जिस ताकत के साजो समान को प्रचारित किया जाता है उससे सम्बंधित खबरे अक्सर छपती रहती हैं। फिर एक मिग गिर गया। सालो से लड़ाकु विमानों का अपग्रेड का मामला अटक्ा हुआ है। पाकिस्तान और चीन के टैंक भारतीय टेंकों से ज्यादा ताकरवर, चीन हमारी ज़मीन पर कब्जा कर रहा है, बुलेट प्रुफ जैकेट खराब हैं, और सैन्य साजो सामान में धांधली-भ्रश्टाचार की खबरे आदि आदि।

इन तमाम सवालों का जवाब ना आपके पास है ना मेरे पा और ना ही देश की सरकार के पास। क्या कालाहाण्डी में खड़े होकर ये कहा जा सकता है कि भारत का विकास हुआ है?

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